सूत्र :केश-समूहे तैमिरिकोपलब्धिवत्तदुपलब्धिः II4/2/13
सूत्र संख्या :13
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जैसे न्यून दृष्टि वाले पुरूष को एक बाल नहीं दीखता, किन्तु केशों का समूह दीख पड़ता है। ऐसे ही एक अणु के न दीखने पर भी अणु समूह घटादि का प्रत्यक्ष होता है। इसलिए अवयवों का समुदाय ही अवयवो है। उससे भिन्न और कोई अवयवी नहीं। इसका उत्तरः-