A PHP Error was encountered

Severity: Warning

Message: fopen(/home2/aryamantavya/public_html/darshan/system//cache/ci_session01848e51cc6d762c95b51816597a8f3292b37080): failed to open stream: Disk quota exceeded

Filename: drivers/Session_files_driver.php

Line Number: 172

Backtrace:

File: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/application/controllers/Darshancnt.php
Line: 12
Function: library

File: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/index.php
Line: 233
Function: require_once

A PHP Error was encountered

Severity: Warning

Message: session_start(): Failed to read session data: user (path: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/system//cache)

Filename: Session/Session.php

Line Number: 143

Backtrace:

File: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/application/controllers/Darshancnt.php
Line: 12
Function: library

File: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/index.php
Line: 233
Function: require_once

न्याय दर्शन-COLLECTION OF KNOWLEDGE
DARSHAN
दर्शन शास्त्र : न्याय दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Anhwik

Shlok

सूत्र :यथोक्तोपपन्नश्छलजातिनिग्रहस्थानसाधनोपालम्भो जल्पः II1/2/43
सूत्र संख्या :43

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : प्रमाण, तर्कादि साधनों से युक्त छल, जाति और निग्रह स्थानों के आक्षेप से वाद करने का नाम जल्प है। क्योंकि वाद में हार-जीत (जय-पराजय) नहीं होती। उसमें केवल सत्यासत्य का निर्णय करना उद्धेश्य होता है । परन्तु जय-पराजय उद्धेश्य होता है तो वहां कहीं छल से काम लिया जाता है कहीं निग्रह स्थानों पर विवाद किया जाता है।

व्याख्या :
प्रश्न-जल्प और वाद में क्या भेद है ? उत्तर-प्रथम तो इन दोनो प्रकार के विवादों में उद्धेश्य ही पृथक-पृथक होते हैं -अर्थात् वाद का उद्धेश्य वस्तु के तत्व का अनुसन्धान करना होता है। और जल्प से जय प्राप्ति अभिप्रेत होती है-द्वितीय वाद में छल आदि से काम नहीं लिया जाता और जल्प में यह भी काम आते हैं क्योंकि छलादि से बात-चीत करने वाला वस्तु के तत्व ज्ञान की इच्छा पूरी नहीं कर सकता-परन्तु जय का काड्क्षी छल से काम ले सकता है इसलिए तत्वान्वोक्षण के प्रयोजन से वार्तालाप का नाम वाद और जय-पराजय काड्क्षया जो वात्र्ता की जाती है वह जल्प कहाती है। प्रश्न-वितण्डा किसे कहते हैं ?