सूत्र :उदाहरणापेक्षस्तथे-त्युपसंहारो न तथेति वा साध्यस्योपनयः II1/1/38
सूत्र संख्या :38
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जहां उदाहरण में साध्य वस्तु के गुणों का सादृश्य दिखा कर यह कहा जाता है यथा स्थाली आदि उत्पन्न हुई हुई वस्तुएं अनित्य देखी हैं इसी प्रकार उत्पन्न हुई हुई थाली के सदृश शब्द को भी उत्पन्न हुआ हुआ जाना है इसलिए यह कहना कि जिस प्रकार थाली आदि उत्पन्न वस्तुएं अनित्य हैं इसी प्रकार जन्य शब्द भी अनित्य है इसी प्रकार जहां आत्मादि अनादि वस्तुओं को नश्वर न देखकर यह विचार करना कि शब्द अनादि नहीं इसलिए यह नित्य नहीं अनुमान के पांचों अवयवों की ठीक बहस आगे लिखी जायगी।
प्रश्न-निगमन किसे कहते हैं ?