सूत्र :विमृश्य पक्षप्रतिपक्षाभ्यामर्थावधारणं निर्णयः II1/1/41
सूत्र संख्या :41
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : अपने पक्ष के सिद्ध करने के लिए प्रमाणादि साधनों को काम में लाना और दूसरे के पक्ष को दूषित करके खंड़न करना यह शैली विवेचना की है और जिन हेतुओं से अपने पक्ष की सिद्धि का प्रमाण और दूसरे के पक्ष का खंड़न करना है वह निर्णय कहलाता है।
व्याख्या :
प्रथमोऽध्यायः द्वितीय आह्निकः