सूत्र :उत्पादव्ययदर्शनात् II4/1/49
सूत्र संख्या :49
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जो पदार्थ उत्पन्न होता है, वह उत्पत्ति से पहले असत् होता है क्योंकि उसकी उत्पत्ति और विनाश देखा जाता है। यदि सत् होता तो उत्पत्ति और नाश हो नहीं सकता था और यह प्रत्यक्ष से भी सिद्ध होता है कि घड़ा पहले नहीं था, कुम्हार ने बनाया फिर टूट गया। असत् के ही उत्पत्ति ओर नाश होते हैं, सत् के नहीं। इसलिए उत्पत्ति से पूर्व प्रत्येक पदार्थ असत् है। इसी की पुष्टि करते हैः