DARSHAN
दर्शन शास्त्र : न्याय दर्शन
 
Language

Darshan

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सूत्र :प्रतिज्ञाहेतूदा-हरणोपनयनिगमनान्यवयवाः II1/1/32
सूत्र संख्या :32

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : प्रतिज्ञा, हेतु, उदाहरण, अपनयन और निगमन यह पंच अवयव हैं कि जो अनुमान प्रमाण में प्रयुक्त किये जाते हैं या इन पांचो के समुदाय को अनुमान कहते हैं । किन्तु कोई-कोई नैनायिक दश अवयव अनुमान के मानते हैं वह पांच यह हैं , यथा जिज्ञासा , संशय शक्यप्राप्ति , प्रयोजन और संशयाभ्युदास अर्थात् संदेह के अपाकरण का विचार । प्रश्न-प्रतिज्ञा किसे कहते हैं ?

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