सूत्र :साध्यनिर्देशः प्रतिज्ञा II1/1/33
सूत्र संख्या :33
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : ज्ञेय (जानने योग्य) धर्म से धर्मों को निर्देंश करना प्रतिज्ञा कहलाती है, यथा कहा जाय कि शब्द अनित्य है, अथवा आत्मा चैतन्य है इत्यादि ।
प्रश्न-हेतु किसे कहते हैं ?