सूत्र :तथाहारस्य II3/2/68
सूत्र संख्या :68
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : रजवीर्य के ही समान माता-पिता का आहार भी शरीर की उत्पत्ति का कारण है। इन अनुभव सिद्ध कारणों की उपस्थिति में अदृष्ट कर्म को कारण मानना किसी तरह ठीक नहीं। अब इन आक्षेपों का उत्तर देते है।:-