सूत्र :न साध्य-समत्वात् II3/2/66
सूत्र संख्या :66
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : . जैसे बिना कर्म के शरीर की उत्पत्ति साध्य है, ऐसे ही बिना कर्मरूप निमित्त के मिट्टी, पत्थर और धातु की उत्पत्ति भी साध्य है, अतएव साध्य को हेतु में रखना साध्यसम हेत्वाभास है, कोई सिद्ध दृष्टांत होना चाहिए। वादी पुनः आक्षेप करता हैं: