सूत्र :तदुपलब्धिरितरेतरद्रव्य-II3/1/75
सूत्र संख्या :75
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : रूपादि गुणों के ग्रहण में सहायता पदार्थ बाहर रहते हैं शब्द का सहायक आकाश भीतर बाहर सब जगह मौजूद है। इसलिए शब्द के समान रूपादि गुणों को बाह्य सहायता के इन्द्रिय प्रत्यक्ष नहीं कर सकते।
इन्द्रियपरीक्षाप्रकरण समाप्त हुआ।
इति तृतीयाध्यायस्य प्रथममाहिनकम्।