सूत्र :विष्टं ह्यपर-म्परेण II3/1/68
सूत्र संख्या :68
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : पृथ्वी आदि पंचभूतों में पहला-पहला पिछले-पिछले से मिला हुआ है अर्थात् पहला पृथ्वी पिछले जल तेज और वायु से मिली हुई है। इसी प्रकार पहला जल, और वायु से और पहला तेज, वायु से मिला हुआ है। इससंयोग के कारण ही कार्य दशा में अपने गुण के सिवाय अन्य गुण भी इसमें अपलब्ध होते हैं। अब इस पर शंका करते हैं-