सूत्र :गन्धरसरूपस्पर्शशब्दानां स्पर्शपर्यन्ताः पृथिव्याः II3/1/64
सूत्र संख्या :64
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : गन्ध, रस, रूप, और स्पर्श ये चार गुण पृथ्वी के है। रस, रूप और स्पर्श ये तीन जल के गुण हैं। रूप और स्पर्श ये दो अग्नि के गुण है। स्पर्श वायु का गुण है, और शब्द केवल आकाश का गुण है। अब इस पर शंका करते हैं-