सूत्र :पाणि-निमित्तप्रश्लेषाच्छब्दाभावे नानुपलब्धिः II2/2/37
सूत्र संख्या :37
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : . जब घण्टे में चोट लगने से शब्द होता है तब उस घण्टे को हाथ से पकड़ लेने से वह आवाज बन्द हो जाती है, इससे भी शब्द का अनित्य होना स्पष्ट होता है। जिस प्रकार दण्ड के अघात से शब्द उत्पन्न हुआ था, उसी प्रकार हाथ से स्पर्श से वह नष्ट हो गया। इस पर पुनः विवेचना की जाती हैं:-