सूत्र :अस्पर्शत्वादप्रतिषेधः II2/2/39
सूत्र संख्या :39
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : शब्द के स्पर्श रहित होने से घण्टे को हाथ से पकड़ कर शब्द का नाश नहीं हो सकता। शब्द आकाश का गुण है और वह सदा आकाश में रहता हैं। घण्टे में दण्ड के आघात से उसकी उत्पत्ति नहीं होती और न हाथ के स्पर्श से उसका नाश होता है। किन्तु इन कियाओं से शब्द का आविर्भाव और तिरोभाव मात्र होता है। इसका समाधान करते हैं:-