सूत्र :अश्रवणकारणानुपलब्धेः सतत-श्रवणप्रसङ्गः II2/2/35
सूत्र संख्या :35
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : शब्द न सुन पड़ने का कारण मौजूद न होने से सर्वदा श्रवण होना चाहिए, पर ऐसा नहीं होता, फिर शब्द के विनाश का कारण मालूम न होने से वह नित्य क्यों कर हो सकेगा। इस पर एक हेतु और भी देते हैं:-