सूत्र :अभ्यासात् II2/2/30
सूत्र संख्या :30
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : . एक शब्द बार-बार कहा जाता हैं, इससे भी शब्द का नित्य होना सिद्ध होता है, जैसे कोई मनुष्य कहता है कि मैनें अमुक वस्तु को पांच बार देखा, यदि वह वस्तु अनित्य होती तो एक बार देखने के पश्चात् फिर उसका देखना सम्भव न होता। इसी तरह शब्द को अनेक बार बोलते देखकर यह अनुमान होता है कि शब्द भी नित्य हैं। इसका उत्तर अगले सूत्र में देते हैं:-