सूत्र :सम्बन्धाच्च II2/1/49
सूत्र संख्या :49
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जैसा लिंग और लिंगी का सम्बन्ध अनुमान में देखा जाता है, ऐसा ही सम्बन्ध शब्द और अर्थ का भी पाया जाता है, अतएव शब्द अनुमान से भिन्न और कोई प्रमाण नहीं अब इन शंकाओं का उत्तर सूत्रकार देते हैं-