DARSHAN
दर्शन शास्त्र : योग दर्शन
 
Language

Darshan

Shlok

सूत्र :स्वाध्यायादिष्टदेवता संप्रयोगः ॥॥2/44
सूत्र संख्या :44

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द

अर्थ : पद० -स्वाध्यायात्। इष्टदेवतासंप्रयोग: । पदा० - (स्वाध्यायात्) स्वाध्याय के सिद्ध होने से (इष्टदेंवतासंप्रयोग:) इष्टदेव परमात्मा का दर्शन होता है।।

व्याख्या :
भाष्य - परमात्मा में मन का स्थित होना स्वाध्यायसिद्धि का चिन्ह है।। सं० - अब ईश्वरप्रणिधान सिद्धि का चिन्ह कथन करते हैं:-

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