सूत्र :ता एव सबीजस्समाधिः ॥॥1/46
सूत्र संख्या :46
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द
अर्थ : पद० - ताः। एव। सबीजः समाधि: ।
पदा० - (ताः, एव) पूर्वाक्त चारो समाधियों को ही (सबीज: समाधि:) सम्प्रज्ञात योग कहते हैं।।
व्याख्या :
भाष्य० - सवितर्क, निर्वितर्क, सविचार, निर्विचार, इन चारों समाधियों का नाम सम्प्रज्ञातसमाधि है।।
सं० - अब उक्त समाधियों में से निर्विचारसमाधि की उत्तमता कथन करते हैं:-