DARSHAN
दर्शन शास्त्र : योग दर्शन
 
Language

Darshan

Shlok

सूत्र :ता एव सबीजस्समाधिः ॥॥1/46
सूत्र संख्या :46

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द

अर्थ : पद० - ताः। एव। सबीजः समाधि: । पदा० - (ताः, एव) पूर्वाक्त चारो समाधियों को ही (सबीज: समाधि:) सम्प्रज्ञात योग कहते हैं।।

व्याख्या :
भाष्य० - सवितर्क, निर्वितर्क, सविचार, निर्विचार, इन चारों समाधियों का नाम सम्प्रज्ञातसमाधि है।। सं० - अब उक्त समाधियों में से निर्विचारसमाधि की उत्तमता कथन करते हैं:-

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: fwrite(): write of 34 bytes failed with errno=122 Disk quota exceeded

Filename: drivers/Session_files_driver.php

Line Number: 263

Backtrace:

A PHP Error was encountered

Severity: Warning

Message: session_write_close(): Failed to write session data using user defined save handler. (session.save_path: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/system//cache)

Filename: Unknown

Line Number: 0

Backtrace: