सूत्र :त्रयमेकत्र संयमः ॥॥3/4
सूत्र संख्या :4
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द
अर्थ : पद० - त्रयम्। एकत्र। संयम:।
पदा० - (एकत्र) एक विषय में होनेवाले (त्रयम्) तीनों का नाम (संयम:) संयम है।।
व्याख्या :
भाष्य - जिस विषय में धारणा की गई है यदि उसी विषय में ध्यान और समाधिक भी की जाय तो योगशास्त्र की परिभाषा में उक्त तीनों को संयम कहते हैं।।
तात्पर्य्य यह है कि जब धारणा, ध्यान तथा समाधि का समान विषय हो जब योगशास्त्र में इनका नाम “संयम” है।।
सं० - अब संयमसिद्धि का फल कथन करते हैं:-