सूत्र :तथा गुणेषु भावाद्गुणत्वमुक्तम् 1/2/13
सूत्र संख्या :13
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जिस प्रकार सम्पूण द्रव्यों में रहने वाला द्रव्यत्व द्रव्य गुण कर्म से पृथक है, इस ही प्रकार सम्पूर्ण गुणों में रहने वाला गुणत्व भी द्रव्य गण कर्म से पृथक है और सत्ता के समान नित्य हैं इस पर युक्ति देते हैः-