सूत्र :सामान्यविशेषाभावेन च 1/2/12
सूत्र संख्या :12
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : क्योंकि द्रव्यत्व में, जो सको गुण कर्म से पृथक् करता है, सामान्य और विशेष नहीं है किन्तु वह सारे द्रव्यों में समान्नतया रहता है जिस प्रकार सत्ता को, सामान्य और विशेष न होने के कारण, द्रव्य, गुण और कर्म से भिन्न सिद्ध कर चुके हैं, इस ही प्रकार द्रव्यत्व, सामान्य और विशेष न होने से, द्रव्य गुण और कर्म से पृथक है। लिस प्रकार की सत्ता सिद्ध हो गई है उसी प्रकार यहां भी जान लेना चाहिए।