सूत्र :अन्यत्रान्त्येभ्यो विशेषेभ्यः 1/2/6
सूत्र संख्या :6
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : यह विशेषता कार्य द्रव्यों में रहती है क्योंकि उसी समय एक-दूसरें से भिन्न होना आता है, किन्तु परमाणुओं की अवस्था में यह भेद नहीं कर सकते। कारण कि उस समय भेद की प्रतीति नहीं कर सकते इसलिए उस सम्पूर्ण द्रव्यों का सामान्य होना ही पाया जाता है कार्यावस्था में भिन्न-भिन्न गुणों की प्रतीति होने से विशेषता हो जाती है। अतः सामान्य और विशेष भेद वर्णन किया गया है, यह जगत् की कार्यावस्था में समझना चाहिए परमाणु अवस्था में केवल सामान्य ही समझना चाहिए। अब सत्ता की परीक्षा आरम्भ होती है।