सूत्र :भावोऽनुवृत्तेरेव हेतुत्वात्सामान्यमेव 1/2/4
सूत्र संख्या :4
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : अनुवृत्ति अर्थात् बार-बार र्लोट-पौट कर प्रत्येक वस्तु के मिलने से यह विदित होता है कि भाव अर्थात् सत्ता सामान्य है, क्योंकि जिस पदार्थ को हम देखते हैं उसमें सत्ता को विद्यमान पाते हैं कोई वस्तु ऐसी नहीं जो सत्ता से रहित हो। जब सम्पूर्ण विशेषों में सत्ता विद्यमान है तो उसको सामान्य मानना पड़ेगा, क्योंकि जो एक पदार्थ में सत्ता है उसकों दूसरी वस्तु की सत्ता से पृथक् करने वाला कोई गुण नहीं है।