सूत्र :असति नास्तीति च प्रयोगात् 7/2/17
सूत्र संख्या :17
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : यदि शब्द का अर्थ के साथ संयोग होता तो जहां शब्द जाता वहीं अर्थ का होना भी आवश्यक होता, किन्तु हम इसके विरूद्ध देखते हैं अर्थात् घट जब नहीं होता तो कहते हैं, कि घड़ा नहीं है। यह कहना उस अवस्था में सम्भव है जबकि घड़े का शब्द घड़े के साथ संयोग नहीं रखता वरन जहां शब्द घड़ा होगा वहीं घड़ा होगा। इसी प्रकार और वस्तुओं के अस्तित्व से जो इंकार किया जाता हैउनके आगे बनने का वर्णन किया जाता है। इससे स्पष्ट प्रतीत होता है, कि शब्द और अर्थ का संयोग नहीं वरन किसी वस्तु की हस्ती से इन्कार करना ही सम्भव नहीं इस वास्ते अर्थ के साथ शब्द का न संयोग सम्बन्ध है नहीं समवाय सम्बन्ध है, क्योंकि यह दोनो सम्बन्ध जिन वस्तुओं में होंगे उनका एक साथ होना भी आवश्यक होगा।