सूत्र :निष्क्रियत्वात् 7/2/16
सूत्र संख्या :16
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : न तो शब्द ही कर्म करने वाले हैं और नहीं जिस आकाश का गुण शब्द है उसमें कर्म है और नहीं शब्द का अर्थ कर्म करके शब्द की तरफ जाता प्रतीत होता है। इन कारणों से स्पष्ट प्रतीत होता है, कि शब्द का अर्थ के साथ संयोग नहीं होता। इसें लिए औरभी युक्ति देते हैं।