सूत्र :कारण-परत्वात्कारणापरत्वाच्च 7/2/22
सूत्र संख्या :22
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : परत्व और अपरत्व के समय का कारण जो समय है उसके परत्व और अपरत्व का समवाय कारण जमाने का संयोग अर्थात् परत्व का समवाय कारण काल का संयोग और अपरत्व का समवाय कारण जो काल संयोग में कहा गया है परत्व और अपरत्व से परत्व और अपरत्व उत्पन्न नहीं होता इस वास्ते परत्व और अपरत्व का कारण काल में है इस गुण को विचारना चाहिए।
व्याख्या :
प्रश्न- परत्व और अपरत्व में परत्व और अपरत्व क्यों नहीं?
अर्थ- परत्व और अपरत्व में दूसार पहला आदि नहीं रहती। जिस प्रकार अणुत्व औा महत्वादि का न होना प्रथम पभाणित कर चुके हैं ऐसा ही परत्व में अपरत्व में विचार लेना चाहिए। जिस प्रकार वहां पर युक्ति में दो सूत्र दिये थे वही अब बतलाते हैं।