सूत्र :अपां संयोगाद्विभागाच्च स्तनयित्नोः 5/2/11
सूत्र संख्या :11
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : पानी के भरे हुए दो बादलों के मिलने और पृथक् होने से जो रगड़ उत्पन्न होती है उससे बिजली उत्पन्न होती है, और बादलों का मिलना व पृथक् होना प्रायः वायु के वायु के कारण होता है और इसी रगड़ से बादलों में गड़गड़ाहट उत्पन्न होती है जिसकों मनुष्य बदाल का गरजना कहते हैं तात्पर्य यह है, कि बादलों की गरज का शब्द और बिजली की उत्पत्ति का कारण बादलों की रदड़ अर्थात् मिलना। और पृथक् होना सिद्ध होता है। जब एक बादल उधर से आता है, एक इधर से जाता है तो पा्रयः रगड़ उत्पन्न हो जाती है, जिससे शब्द और बिजली उत्पन्न होती है।
प्रश्न- भूडोल आदि पृथिवी की नैमित्तिक क्रियाओं का कारण तो जीवों का अदृष्ट कहा, परन्तु अग्नि के लग जाने से सहस्त्रों गृह भस्म हो जाते हैं तीव्र वायु और आँधी से सैकड़ों वृक्ष उखड़ जाते हैं, उसका क्या कारण है?