सूत्र :यस्माद्विषाणी तस्मादश्वः 3/1/16
सूत्र संख्या :16
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जैसे यह कहना कि इसके सींग हैं इसलिए यह घोड़ा है। घोड़े के लिए ‘‘सींगवाला’’ हेतु देना, पत्यक्ष के विरूद्ध होने से, हेत्वाभास है क्योंकि हेतु वह होना चाहिए या जो प्रत्यक्ष सम्बन्ध को विचार कर दिया जावे। किसी घोड़े के सींग होते ही नहीं, इसलिए सींग वाला कहने से घोड़ा ही नितान्त प्रत्यक्ष के विरूद्ध है। घोड़े की सत्ता तो सिद्ध करता है उसके साथ सींग का सम्बन्ध किसी प्रमाण से सिद्ध नहीं होता इसलिए यहां पर सब प्रकार का हेत्वाभास पाया जाता है-साध्य में सम्बन्ध का असम्भव होना लक्षण के असम्भव दोष में गणना, केवल उलटे ज्ञान से ही किया जाता है।
प्रश्न- जो हेतु साध्य को छोड़कर दूसरों में भी चला जावे, उसका उदाहरण दो?