सूत्र :अन्तःकरणस्य तदुज्ज्वलितत्वाल्लो-हवदधिष्ठातृत्वम् II1/99
सूत्र संख्या :99
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : अन्तःकरण भी चैतन्य के संयोग से उज्ज्वलित (प्रकाशित) है, अतएव संकल्प विकल्पादि कायों का अधिष्ठातृत्व अन्ःकरण को है, जैसे- अग्नि से तपाये हुए लोहे में यद्यपि दाहाशक्ति अग्नि संयोग के कारण है तथापि अन्य पदार्थों के दा करने को लोहशक्ति भी हेतु हो कती है।