सूत्र :सिद्धरूपबोद्धृत्वाद्वाक्यार्थोपदेशः II1/98
सूत्र संख्या :98
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : अन्य प्रमाणों से ईश्वर के होने की तो सिद्धि हो जाएगी, परन्तु उसके स्वरूप का यथार्थ ज्ञान नही होगा, जैसे- पुत्र को देख कर उसके पिता के होने का ज्ञान तो अनुमान से हो सकता है, परन्तु उसके रूप और वायु आदि के ज्ञान के वास्ते शब्द की आवश्यकता है इस वास्ते वेद का अवश्य प्रमाण मानना चाहिये।