सूत्र :उभयात्मकं मनः II2/26
सूत्र संख्या :26
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : पांच ज्ञानेन्द्रियां और पांच कर्मेन्द्रियां-इन दसों इन्द्रियों से मन का सम्बन्ध है, अर्थात् मन के बिना कोई भी इन्द्रिय अपने किसी काम के करने में नहीं लग सकती। अब इस कहे हुए सूत्र में विस्तार से कहते हैं।