DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :निर्गुणत्वान्न चिद्धर्मा II1/146
सूत्र संख्या :146

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : उत्तर- नहीं! कारण यह है कि पुरूष निर्गुण है, इसी से चित् सत् रजादि गुणवाला नहीं हो सकता, क्योंकि ये गुण प्रकृति के धर्म हैं। प्रश्न- बहुत से तीन गुण पुरूष में मानकर उसको शिव, विष्णु, ब्रह्या कहते हैं?

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: fwrite(): write of 34 bytes failed with errno=122 Disk quota exceeded

Filename: drivers/Session_files_driver.php

Line Number: 263

Backtrace:

A PHP Error was encountered

Severity: Warning

Message: session_write_close(): Failed to write session data using user defined save handler. (session.save_path: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/system//cache)

Filename: Unknown

Line Number: 0

Backtrace: