सूत्र :तत्कार्यत-स्तत्सिद्धेर्नापलापः II1/137
सूत्र संख्या :137
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : प्रकृति का अभाव (न होना) नहीं हो सकता, क्योंकि प्रकृति की सिद्धि (होना) मालूम पड़ती है। उसके महदादिक उसको सिद्ध कर रहे हैं। यहां तक प्रकृति का अनुमान समाप्त हुआ। अब अध्याय की समाप्ति तक पुरूष का अनुमान कहेंगे।