सूत्र :अव्यक्तं त्रिगुणाल्लिङ्गात् II1/136
सूत्र संख्या :136
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : महत्तत्वादियों की अपेक्षा भी मूल कारण प्रकृति अव्यक्त अर्थात् सूक्ष्म है क्योंकि महत्तत्व के कार्य सुखादिकों का प्रत्यक्ष होता है और सूक्ष्मता के कारण प्रकृति का कोई गुण प्रत्यक्ष नहीं होता है।
प्रश्न- प्रकृति तो परम सूक्ष्म है, अतः उसका न होना ही सिद्ध होता है?