सूत्र :तद्धाने प्रकृतिः पुरुषो वा II1/133
सूत्र संख्या :133
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : महदादिको को कार्य नहीं माने महत्तत्व को प्रकृति वा पुरूष इन दोनों में से एक अवश्य माना जाएगा, क्योंकि जो महदादि परिणाम हों तो प्रकृति, और महदादि अपरिणामी हों तो पुरूष मानना पड़ेगा।
प्रश्न- प्रकृति और पुरूष से अर्थात् और कोई यथार्थ मान लिया जाय तो हानि हैं?