DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :आञ्जस्याद-भेदतो वा गुणसामान्यादेस्तत्सिद्धिः प्रधानव्यपदेशाद्वा II1/125
सूत्र संख्या :125

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : आंजस्य (प्रत्यक्ष) से वा कारण सामान्य गुण कार्य में पाए जाते हैं। विशेषगुणों में भेद रहता है, इससे प्रधान व्यपदेश से अर्थात् यह कारण है, यह कार्य है। इस लौकिकक व्यवहार से कार्य कारण भेद की सिद्धि होती है।