DARSHAN
दर्शन शास्त्र : सांख्य दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Shlok

सूत्र :नोभयं च तत्त्वाख्याने II1/107
सूत्र संख्या :107

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : जब पुरूष प्रमाणों से यथार्थ ज्ञान को प्राप्त हो जाता हैं, तो सुख दुःख दोनों नहीं रहते, क्योंकि जब हमें यह निश्चय हो जाता है।, हम शरीरनहीं और न यह शरीर हमारा है, किन्तु प्रकृति का विकार है, तो इसके दुःख सुख का हमें लेश भी नहीं प्रतीत होता।

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: fwrite(): write of 34 bytes failed with errno=122 Disk quota exceeded

Filename: drivers/Session_files_driver.php

Line Number: 263

Backtrace:

A PHP Error was encountered

Severity: Warning

Message: session_write_close(): Failed to write session data using user defined save handler. (session.save_path: /home2/aryamantavya/public_html/darshan/system//cache)

Filename: Unknown

Line Number: 0

Backtrace: