सूत्र :वचनविघातोऽर्थविकल्पोपपत्त्या छलम् II1/2/51
सूत्र संख्या :51
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : विवाद करने वाले विपक्षों के शब्दों के उल्टे अर्थ करके उसके अभिप्राय से सर्वथा विरूद्धार्थ निकालना छल कहलाता है उसका व्याख्यान अगले सूत्रों के अर्थों में वर्णन किया जायगा और बहुत से उदाहरण भी दिये जायेंगे।
प्रश्न-छल कितने प्रकार का होता है ?