सूत्र :उभयकारणोपपत्ते-रुपपत्तिसमः II5/1/25
सूत्र संख्या :25
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : दोनों कारणों की उपलब्धि होने से उपपत्तिसम प्रत्यवस्थान उत्पन्न होता है। जैसे शब्द के अनित्य होने का कारण उसका उत्पन्न होना है तो उसके नित्य होने का कारण शब्द का अस्पृश्य होना है। इन दोनों कारणों की उपपत्ति होने में उपपत्तिसम दोष उत्पन्न होता है। इसका उत्तर देते हैं:-