सूत्र :व्याहतत्वादयुक्तम् II4/1/40
सूत्र संख्या :40
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : यदि घोड़ा गाय की अपेक्षा से है तो गाय किसकी अपेक्षा से है, यदि कहो घोड़ें की तो इसमें अन्यान्याश्रय दोष आयेगा। दोनो अपनी-अपनी सिद्धि में एक दूसरें के आक्षित होंगे। जिससे अनवस्था दोष उत्पन्न होगा। इसलिए सम्पूर्ण पदार्थ अपनी सिद्धि में निपेक्ष हैं। अब संख्यावाद की परीक्षा की जाती हैं-