सूत्र :अनिमित्तनिमित्तत्वान्नानिमित्ततः II4/1/23
सूत्र संख्या :23
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : यदि अनिमित्त से भाव की उत्पत्ति होती है तो अनिमित्त ही उसका कारण होगा। क्योंकि जिससे जो उत्पन्न होता है, वह उसका कारण कहलाता है। जब अनिमित्त से उत्पत्ति होगी तो वह बड़ी उत्पत्ति का कारण होगा। फिर बिना कारण के उत्पत्ति कहां रही। अब सूत्रकार अपना मत दिखलाते हैं-