सूत्र :अभावाद्भावोत्पत्ति-र्नानुपमृद्य प्रादुर्भावात् II4/1/14
सूत्र संख्या :14
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : वादी कहता है कि अभाव की उत्पत्ति होती है, यह हमारा पक्ष है, इसमें हेतु यह है कि जब तक बीज गलकर नाश न हो जावे, अंकुर उत्पन्न नहीं होता। नाश का ही नाम अभाव हैं, इससे सिद्ध है कि अभाव से भाव की उत्पत्ति होती है। अब इसका उत्तर देते हैः