सूत्र :व्यक्ताद्घटनिष्पत्तेरप्रतिषेधः II4/1/13
सूत्र संख्या :13
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : हमारे कहने का तात्पर्य यह नहीं है कि कार्य उत्पन्न होता है, किन्तु कारण से कार्य की उत्पत्ति होना हमारा मन्तव्य है। घट कार्य है, इसलिए उससे दूसरा घट रूप कार्य उत्पन्न नहीं हो सकता, किन्तु मत्तिका कारण है, उससे वह घट को उत्पन्न करने में समर्थ है। कारण मृत्तिका भी स्थूल है औश्र उससे कार्य घट भी स्थूल ही उत्पन्न होता है। इसलिए स्थूल से स्थूल की उत्पत्ति का निषेध नहीं हो सकता। वादी पुनः आक्षेप करता हैः