DARSHAN
दर्शन शास्त्र : न्याय दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Anhwik

Shlok

सूत्र :अणुश्यामतानित्यत्ववदेतत्स्यात् II3/2/77
सूत्र संख्या :77

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : जैसे परमाणु की श्यामता नित्य होने पर भी अग्नि संयोग से नष्ट हो जाती है ऐसे ही मन का गुण अदृष्ट नित्य होने पर भी नष्ट हो जाता है और मोक्ष में शरीरत्पत्ति का कारण नहीं होता। अब इसका उत्तर देते हैं:-