सूत्र :परश्वादिष्वारम्भनिवृत्ति-दर्शनात् II3/2/38
सूत्र संख्या :38
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : . कुल्हाड़ी आदि हथियारों में भी आरम्भ और निवृत्ति देखे जाते हैं, परन्तु उनमें इच्छा द्वेष का होना किसी को अभिमत नहीं हैं। इसी प्रकार शरीर में भी प्रवृत्ति और निवृत्ति को देख कर इच्छा द्वेष की कल्पना करना ठीक नहीं। इस पर आक्षेप: