सूत्र :व्यासक्तमनसः पाद-व्यथनेन संयोगविशेषेण समानम् II3/2/33
सूत्र संख्या :33
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जब किसी विचार में मन लगा हुआ हो, और दूसरी किसी बात का ध्यान न हो उस समय भी पैर में कांटा चुभाने से तत्काल उसे दुःख का अनुभव होता है। यह आत्मा और मन का विशेष प्रकार का सम्बन्ध हैं। ऐसा ही तीव्र स्मरणीय वस्तु के योग में होता है। अब एक साथ अनेक स्मृति न होने का कारण कहते हैं:-