DARSHAN
दर्शन शास्त्र : न्याय दर्शन
 
Language

Darshan

Adhya

Anhwik

Shlok

सूत्र :न तदाशुगतित्वान्मनसः II3/2/30
सूत्र संख्या :30

व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती

अर्थ : मन अत्यन्त ही शीघ्र गामी हैं, इसलिए वह बाहर जाकर आत्मा से संयुक्त होता हैं, और फिर शीघ्र ही शरीर के भीतर आ जाता है और चेष्टा करता हैं, इस कारण शरीर बोझ से नहीं गिरता। इस प्रकार मन बाहर और भीतर आत्मा से सम्बन्ध रखता हैं, अब इसका उत्तर देते हैं:-

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