सूत्र :न पयसः परिणामगुणान्तरप्रादुर्भावात् II3/2/16
सूत्र संख्या :16
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : परिणाम होने से दूध की दशा बदल जाती है, उसका नाश नहीं होता।
व्याख्या :
प्रश्न - परिणाम किसे कहते हैं ?
उत्तर - किसी वस्तु में पहले गुणों का नाश और नये गुणों का प्रादुर्भाव होना नाश कहाता है।
प्रश्न - नाश किसे कहते हैं ?
उत्तर- कार्य से कारण रूप हो जाना नाश कहलाता हैं।
प्रश्न -परिणाम और नाश में क्या भेद हैं ?
उत्तर - परिणाम में तो वस्तु के कुछ गुण विद्यमान रहते हैं, कुछ निकल जाते हैं और कुछ नए आ जाते हैं, परन्तु नाश में वस्तु के सब अंग छिन्न-भिन्न होकर कारण रूप हो जाते है। अब इसका उत्तर देते हैं:-