सूत्र :अयसोऽयस्कान्ताभिगमनवत्तदुपसर्पणम् II3/1/23
सूत्र संख्या :23
व्याख्याकार : स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती
अर्थ : जैसे चुम्बक पत्थर अभ्यास के बिना ही लोहे को अपनी तरफ खीचंता है, उस लोहे में न तो स्मृति है और न पूर्वाभ्यास। ऐसे ही बालक भी बिना स्मृति और अभ्यास के दूध पीने लगता है। इसलिए यह हेतु कि बिना पूर्वाभ्यास के भोजन में प्रवृत्ति नहीं हो सकती, ठीक नहीं। अब इसका उत्तर देते है:-